|
गौ में ही गोविन्द समाय.! फिर काहे गौसेवा ना भाय.!! भगवान कृष्ण कहते हैँ- गावो मेँ ह्यग्रतः सन्तु गावो मेँ सन्तु पृष्ठतः । गावो मेँ हृदये सन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम्॥ अर्थात् गायेँ मेरे आगे होँ, गायेँ मेरे पीछे हो, गायेँ मेरे हृदय मेँ स्थित रहेँ और गायोँके बीच ही मैँ सदा निवास करुँ । |